‘अभी तो हौसला-ए-कारोबार बाक़ी है!’ वामिक जौनपुरी by admin | Nov 3, 2017 | Shayari | 0 comments सिराज-ए-हिंद सदियों से प्रतिभा की खान रही है, इस कड़ी में आज पेश करता हूँ वामिक जौनपुरी साहेब का लिखा ये नज्म! अभी तो